जैसलमेर के बाद अब अलवर में धरती से फूटी पानी की धार, देखने पहुंचे इलाके के लोग… क्या है इसकी कहानी?

2

राजस्थान में बीते दिनों जैसलमेर में बोरिंग के दौरान धरती फाड़कर पानी की धार बहने लगी थी. देखते ही देखते आसपास का इलाका समंदर जैसा नजर आने लगा था. इसको लेकर यह भी कहा गया था कि ये वैदिक काल की सरस्वती नदी का पानी हो सकता है, हालांकि बाद में भूजल वैज्ञानिकों ने इस बात से इनकार कर दिया था. अब ऐसा ही मामला अलवर जिले में सामने आया है. यहां बहरोड़ में बोरिंग से तेज पानी का फव्वारा निकलने लगा. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

जानकारी के अनुसार, ताजा मामला बहरोड़ क्षेत्र के बीघाना गांव का है. यहां एक चालू बोरिंग से अचानक पानी की तेज धार और फव्वारे निकलने लगे. लोगों को पता चला तो हैरान रह गए. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा. दरअसल, बहरोड के गांव में राजकुमार के खेत में बोरवेल है, जिसे बीते साल करवाया गया था. इस जगह पर आसपास क्षेत्र में करीब 1000 फीट पानी का लेवल रहता है. यहां पानी के हालात खराब हैं.

यहां देखें Video

लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. इन सबके बीच सुबह के समय राजकुमार के खेत में एक बोरवेल से अचानक तेजी से पानी का फव्वारा निकलने लगा. देखते ही देखते आसपास पानी जमा हो गया. इसकी जानकारी होते ही राजकुमार के साथ अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. यह सूचना पूरे क्षेत्र में फैल गई, लोग इकट्ठा होने लगे.

Advertisement

यह भी पढ़ें: जैसलमेर में धरती फाड़कर निकली धार क्या सरस्वती नदी की है? वैज्ञानिकों का दावा- टेथिस सागर का तट था ये इलाका

इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस मामले की जानकारी राजकुमार ने प्रशासन को दी. ग्रामीणों ने बताया कि इस बोरवेल के नजदीक कुछ दूरी पर दूसरे खेत में मशीन से बोरवेल की खुदाई चल रही थी. ऐसे में हो सकता है कि नीचे से आपस में पानी के स्रोत मिलने पर प्रेशर लीक हुआ हो और चालू बोरवेल में अचानक तेजी से पानी का फव्वारा फूटने लगा. इस बोरवेल से कुछ घंटे तक पानी लगातार निकलता रहा, बाद में खुद बंद हो गया. गांव में इसको लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं. कई तरह की कहानियां सामने आ रही हैं. यह पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.

इससे पहले बीते दिनों जैसलमेर में बोरवेल करते समय अचानक पानी का गुबार निकलने लगा था और आसपास समंदर जैसा नजारा हो गया था. इसी के साथ बोरिंग मशीन के साथ ट्रक उसी गड्ढे में समा गया था. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा था कि यहां से एक नदी निकलती थी, शायद बोरवेल का स्रोत उस नदी तक जा मिला, जिसकी वजह से इस तरह का मामला सामने आया. लोग बहरोड़ की घटना को भी जैसलमेर के बोरवेल वाली घटना से जोड़कर देख रहे हैं.

Previous articleHindu idols in 3 temples vandalised in Bangladesh, 2 arrested amid violence against minorities
Next articleBannu cattle traders protest killing of colleague