रेलवे-सेना भर्ती परीक्षा के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश, एक गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने रेलवे और सेना भर्ती परीक्षाओं में फर्जी निवास प्रमाण पत्र और आधार कार्ड के जरिए युवाओं को शामिल कराने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में बलिया जिले के जमुई गांव से एक आरोपी शशि भूषण उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है.

बलिया से पकड़ा गया मास्टरमाइंड

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक STF वाराणसी यूनिट ने रविवार को बलिया जिले के जमुई गांव में छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार किया है. STF इंस्पेक्टर पुनीत परिहार की शिकायत पर बलिया सिटी थाने में मामला दर्ज किया गया है. जांच में सामने आया कि शशि भूषण उपाध्याय, जो बलिया जिले के बांसडीह थाना क्षेत्र के चंदपुर गांव का निवासी है, युवाओं के लिए कोलकाता से  फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाता था. इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उम्मीदवार रेलवे, सेना और अन्य सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में शामिल होते थे.

पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा

शशि भूषण प्रति प्रमाण पत्र बनाने के लिए तीन लाख रुपये तक वसूलता था. उसने पूछताछ के दौरान बताया कि अब तक उसने 1,000 से अधिक फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाए हैं. इसके लिए वह पश्चिम बंगाल के मिथुन कर्मकार, मनोज कुमार सिंह और राजन सिंह नाम के व्यक्तियों की मदद लेता था. आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि वह खुद साल 2000 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना में भर्ती हुआ था लेकिन प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान पकड़े जाने के डर से वह प्रशिक्षण छोड़कर भाग गया.

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STF ने आरोपी के पास से बड़ी संख्या में फर्जी निवास प्रमाण पत्र बरामद किए हैं. इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से युवाओं को गुमराह कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में शामिल करा रहा था.

 

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